अपने पिता से क्यों नफरत करते थे युवराज सिंह? अर्जुन तेंदुलकर से भी जुड़ा है यह किस्सा
नई दिल्ली. क्रिकेट जगत में इन दिनों एक कोच बड़ी चर्चा में है. नाम है योगराज सिंह, जिन्होंने हाल ही में अर्जुन तेंदुलकर कोचिंग दी है. 1980 के दशक में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके योगराज सिंह वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं है. लेकिन आज की युवा पीढ़ी उन्हें युवराज सिंह के पिता के तौर पर ज्यादा जानती है. क्या आप जानते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था, जब युवराज सिंह अपने पिता से नफरत करने लगे थे.
टेस्ट क्रिकेटर, कोच, अभिनेता… यह सब योगराज सिंह की ही पहचान हैं. लेकिन अभी हम पिता योगराज की बात कर रहे हैं. एक ऐसा शख्स जो क्रिकेट जीना चाहता था. उसने क्रिकेट के मैदान पर अपने मनमुताबिक उड़ान भी भरी. देश के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट भी खेला. लेकिन यह उड़ान लंबी नहीं रही. करियर को अचानक ठिठकता देख यह शख्स परेशान जरूर हुआ, पर निराश नहीं. कुछ बरस बाद इसी शख्स ने अपने बेटे के लिए वही सपना देखा. बेटा यानी युवराज सिंह, जो अंडर-14 कैटेगरी में स्केटिंग के कई टूर्नामेंट जीत चुके थे.
पिता योगराज सिंह बेटे युवराज सिंह को क्रिकेटर बनाना चाहते थे. युवराज सिंह स्केटिंग के चैंपियन थे. टेनिस बड़ा अच्छा खेलते थे. फुटबॉल भी पसंद था. लेकिन क्रिकेट. यह वो खेल था, जिसे युवराज सिंह नहीं खेलना चाहते थे. और यह वो द्वंद्व था, जिसे योगराज ने पिता होने के नाते जीत लिया.
युवराज सिंह जो आज लाखों युवा क्रिकेटरों के रोलमॉडल हैं, उन्होंने पिता-पुत्र के इस रिश्ते को कई बार बताया है. अनुपम खेर को दिए एक इंटरव्यू में भी युवी ने अपने पिता से रिश्तों पर खुलकर बात की थी. युवी अपने पिता के प्रति बिना किसी कटुता के हंसते हुए कहते हैं, ‘मेरे पिताजी ने जो मेरे साथ किया, वह कोई अपने बच्चे के साथ ना करे तो ही अच्छा है… लेकिन शायद मुझे क्रिकेट ही खेलना था. इसीलिए मेरे साथ वह सब कुछ हुआ. आज मैं जो भी हूं उसका क्रेडिट उन्हीं (पिता) को देना चाहिए.’
एक सवाल पर युवी कहते हैं, ‘एक वक्त था जब मैं अपने पिता से नफरत करता था. मुझे हमेशा लगता है कि किसी पिता को अपने बच्चे पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए.’
युवराज सिंह इस इंटरव्यू में बताते हैं कि जब वे 15-16 साल के थे, तब उनकी मां और पिता अलग-अलग रहना शुरू कर चुके थे. वे अपनी मां के करीब थे, लेकिन ना चाहते हुए भी पिता के साथ रहते थे. युवी कहते हैं, ‘ मैं अपने पिता के साथ नहीं रहना चाहता था. लेकिन उस वक्त मां हमारा खर्च नहीं उठा सकती थीं. इसलिए मैं पिता के साथ ही रहा. उन दिनों मेरी जिंदगी बहुत मुश्किल थी. मुझे सारी सुविधाएं मिलती थीं, लेकिन वही जो क्रिकेट खेलने के लिए जरूरी थीं.’ युवराज सिंह ने यह भी बताया कि उन्हें जब टीम इंडिया से खेलने के लिए पैसे मिले तो उससे घर खरीदकर मां के साथ रहने लगे.
Ranji Trophy 2023: शतक जमाने के बाद डेब्यू मैच में अर्जुन तेंदुलकर ने चटकाए 3 विकेट, पलटा मैच का नतीजा
योगराज सिंह ने हाल ही में अर्जुन तेंदुलकर को कोचिंग देने की वजह से चर्चा में है. अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच में ही शतक बनाया है. गोवा की ओर से खेलने वाले अर्जुन ने राजस्थान के खिलाफ 120 रन की पारी खेलकर यह उपलब्धि अपने नाम की. माना जा रहा है कि अर्जुन की इस कामयाबी के पीछे योगराज का वही सख्त अनुशासन और दूरदृष्टि है, जिसने युवराज को बेहतरीन क्रिकेटर बनाया.
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Tags: Arjun tendulkar, Yuvraj singh
FIRST PUBLISHED : December 17, 2022, 19:31 IST